होली की मस्ती में झूमे लघु उधोग भारती के सदस्य
आगरा। लघु उद्योग भारती की ओर से दयालबाग स्थित खेलगाँव में फाल्गुन की मस्ती कवियों के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे होली के अवसर पर हास्य कवि सम्मलेन के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि तपन ग्रुप के चेयरपर्सन सुरेश चंद्र गर्ग, कार्यक्रम अध्यक्ष उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम लिमिटेड के उपाध्यक्ष राकेश गर्ग, वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक अग्रवाल, अध्यक्ष भुवेश अग्रवाल, महासचिव विजय गुप्ता, कोषाध्यक्ष जतिन अग्रवाल और संयोजक शशिकांत जैन ने किया।
अध्यक्ष भुवेश अग्रवाल ने बताया कि होली के त्योहार पर आपस में प्रेम, मिलन एवं सौहाद्र का आदान प्रदान होता है। सभी लोगों ने एक दूसरे के साथ गले मिलकर होली की शुभकामनाएं दी। मंच संचालन श्रुति सिन्हा ने किया। इस अवसर पर शैलेश अग्रवाल, संजीव जैन, अरविन्द शुक्ला, दिनेश गुप्ता, जीतेन्द्र जैन, राजीव बंसल, अभिनव रस्तोगी, मनीष अग्रवाल, उमेश शर्मा, सीए नितेश गुप्ता, सीए निखिल गुप्ता आदि मौजूद रहे।
हास्य कवि सम्मलेन में खूब लगे ठहाके
कवि डॉ. ज्योत्सना शर्मा ने मंच पर पढ़ा कि अपने रंग में रंग ले मोहन, राग फागुनी हो जाऊँ मैं, वृंदावन की कुंज गलिं मे, होरी होरी बस गाउँ मै..., कवि दीक्षा रिसाल ने अपनी पंक्तियों को पढ़ते हुए कहा कि दिल की हर बात निगाहों में उतर जाने दे, अब की होली में मुझे हद से गुज़र जाने दे..., कवि रितु गोयल 'ऋतु' ने कहा कि वृन्दावन की होली देखो कैसी अजब निराली..., कान्हा ने मारी पिचकारी, भागी गोपियां सारी, उड़त गुलाल हवा में देखो, राधा लग रईं प्यारी.., कवि युवराज सिंह युवा ने कहा कि आयौ फाग रंग वरसाबत, गली -गली गावें सब होरी, ब्रज की सब गलियां रंग डालीं, रंग लगत हैं चोरी-चोरी..., कवि दीपक सिंह सरीन ने कहा कि जब से निकला हूँ मैं खरीदार बना हूँ यारों, अब जहां भी मिलता है इश्क़ ख़रीद लेता हूँ...,
मंच संचालन करते हुए श्रुति सिन्हा ने पढ़ा कि चलो री सखी होली गाँवे, कान्हा के रंग में रंग जावें, अबीर गुलाल भर भर डारें, ब्रज को श्याम रंग में रंग डारें..., और अंत में कवि मोहित सक्सेना पढ़ा कि भारती के भाल पर जब कील गाढ़ी जा रही हो, कुरु सभा मे रोज़ पांचाली उघाड़ी जा रही हो, तो कहो दुस्साशनों का वक्ष फाड़े क्यों नहीं, सिंघणी के पुत्र हैं तो हम दहाड़े क्यों नहीं..