भारत मे कुल्लू मनाली स्वर्ग जैसा
मनाली |
गर्मी की छुट्टी होते ही कही न कही घूमने का मन होने लगता है तो फिर भारत मे कुल्लू घाटी के उत्तरी छोर पर स्थित मनाली अपने समृद्ध वनों, भरे-पूरे फलों के बागानों और बेहतरीन सुविधाओं के कारण पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। आज यह पर्वतीय स्थल नव-विवाहितों के लिए हनीमून का पसंदीदा स्थान माना जाता है। एक मान्यता के अनुसार, मानव जाति को बचाने के लिए आदिपुरुष मनु ने इसी स्थान पर शरण ली थी, इसी आधार पर मनाली ‘मनु का घर’ भी माना जाता है। वैसे तो भारत में कई खूबसूपत सैरगाहें हैं, लेकिन मनाली में वादियों की खूबसूरती बाकी सबसे अलग है। इसी वजह से मनाली को बेहतरीन पर्यटक स्थलों में शुमार किया जाता है। आइए चलते हैं इन खूबसूरत वादियों में
जाने का सर्वोत्तम मौसम
आप यहां गर्मी के मौसम में जा सकते हैं। लेकिन राफ्टिंग और पैराग्लाइडिंग का लुफ्त उठाने वाले पर्यटक जनवरी से मध्य अप्रैल के बीच जाएं तो ज्यादा बेहतर है। इस दौरान स्कीइंग की सुविधा भी उपलब्ध होती है। जाने से पहले हल्के गर्म कपड़ों का इंतजाम कर लें, लेकिन सर्दियों में भारी ऊनी कपड़े ले जाना न भूलें, क्योंकि इन दिनों मनाली की वादियां बर्फ से ढकी होती हैं।
क्या देखें
लकड़ी से बना हिडिम्बा मन्दिर मनाली का मुख्य आकर्षण है। चार मंजिल का यह मंदिर 1553 में बनाया गया था, जो भीम की पत्नी हिडिम्बा को समर्पित है। पूरे मंदिर में काष्ठ पर हिन्दू मिथकों से ली गई गाथाएं उकेरी गयी हैं। ढूंगरी वन विहार में स्थित इस मंदिर में मई के महीने में भव्य उत्सव होता है। मनाली से दो किलोमीटर उत्तर पश्चिम में स्थित पुराना मनाली भी पर्यटकों को मुग्ध कर देता है। यह स्थान गेस्ट हाउसों और फूलों के बागीचों के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर स्थित है मनु महर्षि मंदिर। मान्यता है कि आदिपुरुष मनु ने यहीं पर ध्यान लगाया था।
मनाली में माल रोड से करीब चार किलोमीटर दूरी पर वशिष्ठ नामक एक छोटा-सा गांव बसा हुआ है। इस गांव में मुनि वशिष्ठ और भगवान राम को समर्पित कई पुराने मंदिर हैं। यहीं पर ठंडे और गर्म चश्मे हैं, जहां आप भी स्नान कर सकते हैं। इसके अलावा तिब्बती शरणार्थियों द्वारा 1960 में निर्मित गाधन थेकचोलिंग गोम्पा स्थित है। पारम्परिक गोम्पाओं की तरह चटख सुनहरे और लाल रंग से सजे इस बौद्ध मंदिर में शाक्य मुनि बुद्ध की प्रतिमा विराजमान है। गोम्पा की बाहरी दीवार पर तिब्बत में 1987 से 1989 के बीच चीनी कार्रवाई में मारे गए नागरिकों के नाम लिखे हुए हैं। दरअसल मनाली का मुख्य आकर्षण रोहतांग दर्रा ही है। ज्यादातर लोग रोहतांग दर्रा की वजह से यहां आते हैं। यहां पर अक्तूबर से फरवरी के मध्य बर्फ पड़ती है। रोहतांग से लेह का राष्ट्रीय राजमार्ग भी छह महीने के लिए बन्द कर दिया जाता है, क्योंकि यहां मौसम पल-पल बदलता रहता है। बर्फ का लुत्फ उठाने के लिए सैलानी यहां पर आते हैं। गिरती हुई बर्फ को देख कर सैलानियों का मन आकाश की ऊंचाइयों को छूने लगता है।
अर्जुन गुफा
इस गुफा को देखने के लिए देशभर से सैलानी यहां आते हैं। यह गुफा पिरनी गांव में है। मान्यता है कि महाभारत काल में अर्जुन ने यहां ठहर करके पशुपति अस्त्र हासिल किया था।
नेहरू कुंड
रोहतांग मार्ग पर बना यह सुन्दर प्राकृतिक झरना मनाली से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जहां सुबह-शाम सैलानियों का जमावड़ा रहता है।
सोलंग घाटी
सोलंग घाटी मनाली से 13 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां बर्फ व ग्लेशियरों के अद्भुत नजारे देखने को मिलते हैं। स्कीइंग के लिए मशहूर यहां की ढलानों पर सैलानी इस खेल का खूब आनन्द लेते हैं।
आसपास के दर्शनीय स्थल
मनाली से कुछ दूरी पर है कुल्लू घाटी। यहां कलकल करती नदियां, पहाडियों से गिरते झरने, देवदार के घने वृक्ष कुल्लू घाटी के प्राकृतिक सौन्दर्य को बयां करते हैं। कुल्लू में ढेर सारे दर्शनीय स्थल हैं, जिनमें प्रमुख हैं मणिकर्ण। यहां कुदरती गर्म पानी के चश्मे (झरने) हैं। मणिकर्ण की दूरी कुल्लू से 40 किलोमीटर है। मणिकर्ण से 30 किलोमीटर आगे बर्फ से ढका ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क है, जिसमें कलरव करते रंग-बिरंगे पक्षी, कस्तूरी मृग, तेंदुए तथा तीतर भी देखे जा सकते हैं। इसके अलावा व्यास नदी के किनारे फलों के बागों की खूबसूरती देखते ही बनती है। ‘कुल्लू’ का दशहरा भी विश्व प्रसिद्ध है। यह त्योहार दशहरे के बाद शुरू होता है और करीब पन्द्रह दिन तक चलता है।
एडवेंचर/ट्रेकिंग
मनाली न केवल प्राकृतिक दृश्यों के कारण पर्यटकों को बांधे रखने में सक्षम है, बल्कि यहां उपलब्ध एडवेंचर टूरिज्म के कारण बार-बार यहां आने का मन करता है। एक ओर हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग लर्जी, कटरैन तथा कसौल में मछली के शिकार की सुविधा देता है तो वहीं रोहतांग-ला में आप माउन्टेन बाइकिंग का मजा ले सकते हैं। मई से मध्य जून, सितम्बर से मध्य अक्तूबर तक व्यास नदी में राफ्टिंग का लुफ्त लिया जा सकता है। अगर आप अधिक रोमांच चाहते हैं तो मनाली के उत्तर में सोलांग नल्ला बाहें पसारे आपका स्वागत करता है। यहां पर पर्वतारोहण, ट्रैकिंग के लिए भी ढेर सारी जगहें हैं।