पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार तेजी जारी है. शुक्रवार को भी इनकी कीमतों में इजाफा हुआ है. फिलहाल पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से राहत मिलने की उम्मीद ना के बराबर है. पेट्रोल की कीमत में अभी 4.6 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है. दिल्ली में डीजल पहले रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है. पेट्रोल की कीमतें भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने से सिर्फ कुछ पैसे ही दूर है.
इसी बीच ब्रोकरेज फर्म कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा है कि इनकी कीमतों से फिलहाल राहत नहीं मिलेगी और दाम में 4.6 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है. फर्म के मुताबिक तेल कंपनियों ने कर्नाटक चुनाव के दौरान पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया था. करीब 19 दिन तक कीमतें स्थिर रखी गई थीं. इसकी वजह से अब तेल कंपनियों को पेट्रोल की कीमत 6.2 फीसदी यानी 4.6 रुपये बढ़ानी होगी. वहीं, डीजल की कीमत में उन्हें 5.8 फीसदी यानी 3.8 रुपये की बढ़त करनी होगी.
अगर हम यह मान लें कि आने वाले हफ्ते में कच्चा तेल और रुपया स्थिर रहता है, तो तेल कंपनियों को प्रति लीटर 2.7 रुपये की अपनी मार्जिन हासिल करने के लिए डीजल की कीमत 3.5 से 4 रुपये प्रति लीटर बढ़ानी होगी. वहीं, पेट्रोल के लिए यह बढ़ोतरी 4 रुपये से 4.55 रुपये प्रति लीटर बढ़ानी होगी.कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की तरफ से लगाए गए इस अनुमान के हिसाब से पेट्रोल मुंबई में 87 रुपये के करीब पहुंच सकता है. शुक्रवार को मुंबई में एक लीटर पेट्रोल 83 का आंकड़ा पार कर चुका है. फर्म के अनुमान के अनुसार इसमें 4.5 रुपये की बढ़ोतरी होती है, तो यह 87 का आंकड़ा भी पार कर जाएगा.
डीजल की बात करें, तो दिल्ली में यह नया रिकॉर्ड बना सकता है. फर्म के अनुमान के मुताबिक अगले हफ्ते अगर दाम इसी हिसाब से बढ़ते हैं, तो यह 70 का आंकड़ा पार कर जाएगा. क्यों बढ़ रहे हैं दाम: दरअसल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चा तेल 4 साल में सबसे महंगा हो गया है. गुरुवार को ब्रेंट क्रूड ने 80 डॉलर प्रति बैरल का आंकड़ा छू लिया है. इसी के साथ कच्चा तेल पिछले 4 साल में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है. कच्चे तेल की कीमतों में आई इस रफ्तार के लिए ईरान की तरफ से आपूर्ति कम होने की आशंका को जिम्मेदार बताया जा रहा है.