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यहां है, तीन नेत्रों वाला गणेश जी का इकलौता मंदिर, चिट्टी भेजकर लोग मांगते हैं मन्नत

रामबाबू शर्मा, जयपुर 


रणथंभौर : भारत देश में जगह-जगह पर कई मंदिर मौजूद है जो कि लोगों के आस्था का केंद्र हैं लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि पूरे विश्व में इकलौता ऐसा मंदिर है जो कि गणेश के त्रिनेत्र वाला मंदिर है । इस मंदिर के बारे में एक और बात है जो कि काफी प्रसिद्ध है और वो ये है कि यहां पर लोग मन्नत मांगने के लिए दूर-दूर से चिट्टीयां भेजते हैं ताकि गणेश भगवान उनको पढकर उनकी मन्नत पूरी करें । आज हम आपको जिस मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं दरअसल, वो मंदिर राजस्थान के रणथंभौर में मौजूद है । इस मंदिर में हर शुभ काम से पहले चिट्टी भेजकर उनको आमंत्रण दिया जाता है और यहीं कारण है कि यहां पर हमेशा भगवान गणेश जी के चरणों में चिट्टीयों का ढेर लगा रहता है ।

मंदिर की स्थापना
अब आपको बता दें कि, आप इस मंदिर में कैसे पंहुच सकते हैं । इस मंदिर में पंहुचने के लिए आपको राजस्थान के सवाई माधौपुर से लगभग 10 किमी. दूर रणथंभौर के किले में आना होगा और यहीं पर ये गणेश जी का मंदिर मौजूद है । यह मंदिर 10वीं सदी में रणथंभौर के राजा हमीर ने बनवाया था । इस मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि युद्ध के दौरान राजा के सपने में गणेश जी आए थे और उन्हें आशीर्वाद दिया. जिसके बाद राजा ने युद्ध में विजय प्राप्त की । तब उन्होंने अपने किले में मंदिर का निर्माण करवाया ।

विराजते हैं त्रिनेत्री भगवान गणेश 
मंदिर की सबसे खास बात ये है कि इस मंदिर मे जो मूर्ति विराजमान है वो और दूसरे मंदिरों से अलग है क्यों कि यहां पर तीन आंख वाले गणेश जी मूर्ति मौजूद है । इसके साथ ही आपको बता दें यहां पर गणेश जी अपनी पत्नी रिद्धि, सिद्धि और अपने पुत्र शुभ-लाभ के साथ विराजमान हैं । यहां पर जो भी चिट्ठीयां आती है पुजारी उनको भगवान गणेश के सामने पढ़कर उनके चरणों में रख देते हैं ।