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आर्य समाज की नाई की मंडी शाखा ने मनाया अपना 72वां स्थापना दिवस


आगरा : सनातन संस्कृति में नारी को शक्ति स्वरूपा मानकर पूजा गया है। महर्षि दयानन्द ने वेदों के प्रमाण से स्त्रियों को वेद पढ़ने, यज्ञ करने एवं विधा ग्रहण करने का अधिकार दिलाया। ये कहना था नाई की मंडी स्थित आर्य समाज के 72 वें स्थापना दिवस समारोह में बिजनौर से आये अंतरराष्ट्रीय वैदिक प्रवक्ता विष्णु मित्र वेदार्थी का। आचार्य विष्णु मित्र वेदार्थी ने कहा कि परिवार में नारी के अनुशासन, संयम, सदाचार, साहस और योग्यता का संतान तथा समाज में विशेष प्रभाव होता है। श्रीराम, श्रीकृष्ण, ऋषि दयानंद, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, लक्ष्मी बाई जैसे वीर, चरित्रवान महान व्यक्तित्व भारत धरा की माताओं ने पैदा किए। माता ही बच्चों की प्रथम गुरु और देवता होती है।

        आर्य समाज नाई की मंडी शाखा के प्रधान मनोज खुराना ने बताया कि स्थापना दिवस पर वैदिक यज्ञ, ध्वजारोहण, भजन और प्रवचन का आयोजन किया गया। प्रातः यज्ञ विष्णु मित्र वेदार्थी ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ संपन्न कराया। वैदिक ॐ ध्वजारोहण के बाद स्थापना दिवस की शुरुआत दिल्ली से आये भजनोपदेशक देव शास्त्री के भजनों से हुई। भजनोपदेशक देव शास्त्री ने अपने भजनों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। 'जग में वेदों  की जब तक निशानी रहे महर्षि की अमर ये कहानी रहे' भजन को सभी ने खूब सराहा। 

    कार्यक्रम का संचालन अश्वनी दुबे ने किया। सभी का धन्यवाद प्रधान सीए मनोज खुराना ने दिया। इस अवसर पर मंत्री अनुज आर्य, उमेश पाठक, भारत भूषण सामा, प्रभात माहेश्वरी, विकास आर्य, शांति नागर, वीरेंद्र कनवर, भुवनेश कुलश्रेष्ठ, विजय अग्रवाल, सीए आदित्य माहेश्वरी, राजीव खुराना, राकेश तिवारी, मंजू गुप्ता, युधिष्ठिर, अर्जुन देव महाजन, रामप्रकाश, गोपाल प्रकाश आदि मौजूद रहे।