पद्मश्री योगेंद्र बाबूजी को श्रद्धांजलि देने उमड़ा शहर
आगरा। बाबा का जाना देश, संस्कृति और संपूर्ण कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। बाबा एक महात्मा, जुझारू व्यक्तित्व के धनी और संपूर्ण कला साधक थे। वे सच्चे राष्ट्रवादी और दूरदर्शी प्रचारक थे। उन्होंने अपने विलक्षण गुणों से देश के कला जगत के परिदृश्य को ही बदल कर रख दिया। हर कलाकार अपनी विचारधारा से ऊपर उठकर उनका मान सम्मान करता था। वे हर सांस्कृतिक संगठन के वंदनीय थे। इसीलिए वे कला जगत के अजात शत्रु थे। ये विचार विभिन्न वक्ताओं द्वारा संस्कार भारती के बैनर तले संस्कार भारती के संस्थापक- संरक्षक कला ऋषि-पद्मश्री बाबा योगेंद्र दा को श्रद्धांजलि देने के लिए शुक्रवार शाम सूरसदन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में व्यक्त किये गये।
एक ओर सभागार में लोग बाबा योगेंद्र दा को अपनी भावांजलि दे रहे थे, वहीं सभागार के बाहर लगाए गए बाबा के चित्र पर सब उन्हें पुष्पांजली भी अर्पित कर रहे थे। कार्यक्रम संयोजक डॉ. पंकज नगायच ने उनको सभी कला साधकों का चंद्रचूड़ बताया। कार्यक्रम संचालक राज बहादुर सिंह राज ने बताया कि अमृत महोत्सव की स्मारिका का प्रथम खंड बाबा योगेंद्र दा को समर्पित किया जाएगा। कवि कुमार ललित मीडिया समन्वयक रहे।