टेसू और झेंझी लेकर निकले बच्चे
घर-घर में टेसू झेंझी एवं इनका विवाह खासा लोकप्रिय है। ग्रामीण और कुछ शहरी क्षेत्रों में टेसू-झेंझी का खेल परंपरागत तरीके से खेला जाता है। बच्चों एवं युवाओं की टोली सभी प्रमुख गलियों व दुकानों पर टेसू लेकर निकलते हैं। टेसू लेकर बच्चे ‘टेसू मेरा यहीं खड़ा, मांग रहा है दहीबड़ा...’ जैसे कई टेसू के गीत गाते हैं। ये बच्चे टेसू के विवाह के लिए रुपये जुटाते हैं। वहीं बालिकाओं की टोली, ‘मेरी झेंझी को रचो है ब्याह...’ जैसे गीत गातीं नजर आती है। शरद पूर्णिमा पर विधि-विधान एवं रस्मों के साथ टेसू-झेंझी का विवाह कर दिया जाता है।