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मथुरा में यूपीएसडीएम ने लड़कियों को बनाया सशक्‍त, 613 बेटियों को दी गई सेल्‍फ डिफेंस ट्रेनिंग

  • अब मनचलो की खैर नहीं, सेल्‍फ डिफेंस ट्रेनिंग लेकर लड़कियां बनी सशक्‍त
  • पायलट प्रोजेक्‍ट के तहत यूपी एसडीएम 10 हजार लड़कियों को दे रहा है सेल्‍फ डिफेंस ट्रेनिंग




मथुरा 19 जुलाई 2023 । उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन (यूपीएसडीएम) की ओर से मथुरा के राजकीय आईटीआई और यूपीएसडीएम के सात कौशल सेंटर के 613 लड़कियों को तीन दिवसीय सेल्‍फ डिफेंस ट्रेनिंग कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हुआ। सात कौशल केंद्रों में एंबिएंस इन्फोकॉम, स्वर्गीया श्रीमती दुर्गा देवी चैरिटेबल ट्रस्ट, एसआरएस रूरल एंड स्किल्स डेवलपमेंट सोसाइटी, जीवन ज्योति ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट, टेक्नो इंफोसोल्यूशन प्राइवेट, वीओसी स्किल और सीआईआईटीएस को शामिल किया गया था। संकल्‍प स्‍कीम के तहत इस ट्रेनिंग में लड़कियों के आत्‍म‍रक्षा के अलग-अलग तकनीक सिखाई गई। 

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल लड़कियों को चेन अलार्म, सेफ्टी सीटी, स्प्रे और स्टिंगर से युक्त 'निर्भया किट' भी दिए गए। इस कार्यक्रम का मकसद लड़कियों को आत्मरक्षा तकनीक और रणनीति सीखाकर उन्‍हें सशक्‍त बनाना है। बता दें कि उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन (यूपीएसडीएम) ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत राज्य के 14 जिलों में 10 हजार लड़कियों के लिए सेल्‍फ डिफेंस ट्रेनिंग दिया जा रहा है। कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के अंतगर्त कार्यरत स्पोर्ट्स, फिजिकल एजुकेशन, फिटनेस एंड लीजर-स्किल्स काउंसिल (एसपीईएफएल-एससी) की निगरानी में स्किल्‍ड ट्रेनर लड़कियों को प्रशिक्षण दिया है। 

यूपीएसडीएम के निदेशक, आंद्रा वामसी ने आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि आत्मरक्षा तकनीकों को सीखकर, महिलाएं खुद को बचाने और हमलावरों के खिलाफ लड़ने के लिए आत्मविश्वास और कौशल हासिल कर सकती हैं। छह महीने के इस पायलट प्रोजेक्‍ट से 10,000 बेटियों के जीवन पर सकारात्‍मक प्रभाव पड़ेगा। इस पायलट प्रोजेक्‍ट के बाद यूपी के हर जिले के आईटीआई और यूपीएसडीएम के प्रशिक्षण केंद्रों में यह शुरू किया जाएगा। 

एसपीईएफएल-एससी के सीईओ तहसीन जाहिद ने कहा कि यह पहल महिलाओं और लड़कियों को सशक्‍त बनाने के उद्देश्‍य से शुरू किया गया है। इस प्रशिक्षण में उन्‍हें तकनीक के साथ कौशल भी सीखाए जा रहे है। यह कार्यक्रम दुनिया की कुछ बेहतरीन युद्ध प्रणालियों की सर्वश्रेष्ठ आत्मरक्षा प्रथाओं और तकनीकों पर आधारित है, और शारीरिक एवं मानसिक फिटनेस के महत्व पर केंद्रित है।